Blogs | ऑनिन्द्यो चक्रवर्ती |शुक्रवार अगस्त 2, 2019 03:03 PM IST रवीश ने 19 साल पहले रिपोर्टिंग करना शुरू किया था, और शुरुआत से ही पहचान लिया था कि टेलीविज़न किस्सों का माध्यम है, सो, रवीश ने उन ख़बरों को चुना जो शर्तिया वैसी ही थीं. वैसे किस्से, जिनके चरित्र अपने जैसे लगते थे, जिनकी शुरुआत होती थी, मध्य होता था, अंत होता था. यही खोजी और सच्चाई के पक्षधर के रूप में रवीश की कामयाबी का राज़ है, और यही वजह है मैगसेसे पुरस्कार के रूप में उनकी बड़ी कामयाबी की.