India | Written by: मानस मिश्रा |शनिवार नवम्बर 9, 2019 10:37 AM IST Ayodhya Case: अयोध्या में सारी बहस और तथ्यों के बीच आज सिर्फ इस बात का जवाब मिलेगा कि विवादित जमीन पर मालिकाना हक किसका है. अदालत में फैसला सिर्फ इसी बात का होना है. कोर्ट में बहस के दौरान दलीलें भी इसी बात को लेकर दोनों पक्षों की ओर से दी गई हैं. संविधान सभा का आज का फैसला सिर्फ इसी बात पर टिका हुआ है और इस सवाल का जवाब आते ही इस 100 साल से ज्यादा पुराने इस विवाद से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे. हालांकि यह फैसला इस मामले पर अंतिम फैसला नहीं होगा, इसके बाद रिव्यू पिटीशन दाखिल की जा सकेगी. रिव्यू पिटीशन यानी कि पुनर्विचार याचिका उसी बेंच के पास आती है जो बेंच फैसला सुनाती है. जस्टिस रंजन गोगोई की इस बेंच में उनके अलावा जस्टिस शरद अरविंद बोबडे, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल हैं. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. यदि 17 नवंबर के पहले पुनर्विचार याचिका आती है तो इसे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ही सुनेगी. लेकिन यदि यह पिटीशन इसके बाद आई तो अगले चीफ जस्टिस तय करेंगे कि रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई के लिए मौजूदा पीठ में जस्टिस गोगोई की जगह पांचवा जज कौन होगा. सुप्रीम कोर्ट यह भी तय करेगा कि रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई की जाए या नहीं की जाए.