Blogs | प्रियदर्शन |गुरुवार अक्टूबर 28, 2021 10:18 PM IST दरअसल राम को ईश्वर मानें या एक बहुत प्रेरणास्पद साहित्यिक चरित्र- उनकी सारी गरिमा उनकी साधारणता में निहित है- मनुष्य बने रहने की उस कोशिश में, जिसमें वे रो भी सकते हैं. वे कृष्ण की तरह अतिमानवीय करिश्मे करते नहीं दिखते हैं, वे शिव की तरह औघड़ नहीं हैं, वे दुर्गा की तरह बहुत सारी शक्तियों से संपन्न नहीं हैं, वे कई दूसरे अवतारों की तरह दैवी शक्तियों का प्रदर्शन करते नज़र नहीं आते. बस अहिल्या को छू लेने का एक प्रसंग है जिसमें राम चमत्कार करते दिखते हैं.