Reviews | Written by: इकबाल परवेज़, Edited by: अल्केश कुशवाहा |शुक्रवार सितम्बर 21, 2018 04:52 PM IST तीनों बहुत ही घने मित्र हैं. एसके चालाक है जो वकालत कर चुका है और वकालत की आड़ में ब्लैकमेलिंग करके पैसे कमाता है. नौटी फैशन डिजाइनर है और त्रिपाठी एक फैक्ट्री खोलता है. कई शिकायतों के बावजूद फैक्ट्री की इलेक्ट्रिक का बिल 54 लाख रुपए का आ जाता है और तब आती है फिल्म अपने असल मुद्दे पर, जिसके लिए 'बत्ती गुल मीटर चालू' बनी है.