Blogs | रवीश कुमार |शुक्रवार अगस्त 26, 2016 09:34 PM IST मंदिरों और मज़ारों में प्रवेश और पूजा का अधिकार अभी तक पूरी तरह से सभी को हासिल नहीं हो सका है. हमारे समाज में आज तक छुआछूत अलग अलग रूपों में मौजूद हैं. कई बार हाउसिंग सोसायटी में अघोषित तरीके से मज़हब और जाति के आधार पर पाबंदियों के किस्से सुनने को मिलते रहते हैं.