भीमा कोरेगांव हिंसा मामला: नवलखा और तेलतुंबडे को सरेंडर के लिए समय देने की याचिका पर फैसला सुरक्षित
India | बुधवार अप्रैल 8, 2020 09:30 PM IST
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबडे की सरेंडर करने के लिए और समय देने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है. दोनों ने याचिका दाखिल करके कोरोना वायरस के चलते सरेंडर के लिए और वक्त मांगा था. दोनों की ओर से कहा गया कि दोनों एक्टिविस्ट 65 वर्ष से अधिक उम्र के हैं, दिल की बीमारी है. कोरोना वायरस के इस समय के दौरान जेल जाना "वस्तुतः मौत की सजा" है.
भीमा-कोरेगांव मामले की जांच पर महाराष्ट्र में खींचतान जारी, अब शरद पवार की NCP ने लिया यह फैसला
India | सोमवार फ़रवरी 17, 2020 09:42 PM IST
महाराष्ट्र में भीमा-कोरेगांव मामले की एनआईए से जांच को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हरी झंडी देने से नाराज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने अब महाराष्ट्र सरकार की ओर से मामले की एसआईटी जांच कराने का फैसला ले लिया है. यानी कि केंद्र की ओर से भीमा कोरेगांव हिंसा (Bhima-Koregaon Violence) की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) करेगी और राज्य सरकार एसआईटी जांच कराएगी. शरद पवार की मौजूदगी में सोमवार को हुई एनसीपी के नेताओं की बैठक में एसआईटी जांच कराने का फैसला लिया गया.
India | शनिवार जनवरी 25, 2020 12:01 AM IST
भीमा-कोरेगांव केस (Bhima Koregaon Case) को आज अचानक केंद्र सरकार ने एनआईए (NIA) को सौंप दिया. एक दिन पहले ही महाराष्ट्र सरकार ने साल 2018 में हुए भीमा-कोरेगांव हिंसा (Bhima Koregaon Violence) की समीक्षा का फैसला लिया था. केंद्र के इस फैसले की महाराष्ट्र सरकार ने निंदा की.
भीमा कोरेगांव हिंसा मामला: सुप्रीम कोर्ट ने आनंद तेलतुंबडे के खिलाफ FIR रद्द करने से किया इनकार
India | सोमवार जनवरी 14, 2019 12:27 PM IST
कोर्ट ने आनंद (Anand Teltumbde) की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि वह चार हफ्ते में जमानत याचिका दाखिल करें. बता दें कि आनंद (Anand Teltumbde) ने बॉम्बे हाईकोर्ट के 24 दिसंबर के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया गया था. याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि तेलतुंबडे के खिलाफ अभियोग चलाने लायक सामग्री है.
Top 5 News: इंस्पेक्टर पर कुल्हाड़ी से हमला करने वाला कलुआ गिरफ्तार, NIA की अमरोहा में छापेमारी
India | मंगलवार जनवरी 1, 2019 04:55 PM IST
बुलंदशहर हिंसा (Bulandshahr Mob Violence) के 28 दिन बाद इस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह (Subodh Kumar Singh)पर कुल्हाड़ी से हमला करने वाले कलुआ उर्फ राजीव को पुलिस ने सोमवार देर रात गिरफ्तार किया है. वहीं, भीमा-कोरेगांव का आज 201वां विजय दिवस है. पिछले साल इस मौक़े पर हुई हिंसा के मद्देनज़र इस बार यहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
भीमा-कोरेगांव हिंसा : यलगार परिषद और माओवादियों से संबंध रखने के मामले में 10 के खिलाफ चार्जशीट
Crime | शुक्रवार नवम्बर 16, 2018 04:16 AM IST
भीमा-कोरेगांव हिंसा के पहले आयोजित यलगार परिषद और प्रतिबंधित माओवादी संगठन से संबंध रखने के मामले में 10 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है. पुणे के सत्र न्यायालय में दायर पांच हजार पन्नों से भी ज्यादा के आरोप पत्र में पांच फरार आरोपियों को भी सूचीबद्ध किया गया है.
भीमा-कोरेगांव मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची महाराष्ट्र सरकार
Maharashtra | गुरुवार अक्टूबर 25, 2018 11:25 AM IST
भीमा कोरेगांव मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ में महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. इस मामले की सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी. बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस को आरोपपत्र दाखिल करने के लिए 90 दिन की मोहलत नहीं दी थी.
महाराष्ट्र के दक्षिणपंथी नेता संभाजी भिड़े पर से दंगे के मामले वापस लिये गए, RTI में खुलासा
Maharashtra | सोमवार अक्टूबर 1, 2018 01:56 PM IST
महाराष्ट्र सरकार ने राइट विंग लीडर और कोरेगांव भीमा हिंसा मामले में मुख्य संदिग्ध संभाजी भिड़े के खिलाफ कम से कम दंगे के 6 मामलों को वापस ले लिया है. यह खुलासा एक RTI में हुआ है. भिड़े की अगुवाई वाले शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं को दंगे के मामले में क्लीन चिट मिल गई है. जबकि दर्जनों मामलों में दंगे की धाराओं को हटा दिया गया है. इन मामलों में बीजेपी और शिवसेना के नेता व समर्थक शामिल रहे हैं.
India | शुक्रवार सितम्बर 28, 2018 01:02 PM IST
भीमा- कोरेगांव हिंसा के सिलसिले में नक्सल से जुड़े होने के आरोप में पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के मामले में सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने फैसला दिया कि हैदराबाद में वामपंथी कार्यकर्ता और कवि वरवर राव, मुंबई में कार्यकर्ता वरनन गोन्जाल्विस और अरुण फरेरा, छत्तीसगढ़ में ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज और दिल्ली में रहने वाले गौतम नवलखा को जमानत नहीं दी जाएगी और अगले चार हफ्ते तक उन्हें घर में नजर बंद रखा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि इस मामले की SIT से जांच नहीं कराई जाएगी. बता दें कि गत 29 अगस्त को इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दखल देते हुए उन्हें उनके घरों में ही हाउस अरेस्ट रखने के आदेश जारी किए थे. तभी से वे अपने घरों में नजरबंद हैं. याचिका रोमिला थापर, देवकी जैन, प्रभात पटनायक, सतीश देशपांडे और माया दारूवाला की ओर से दाखिल की गई है. इसमें सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में SIT जांच और पांचों को जमानत की मांग की गई है. 20 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था और महाराष्ट्र पुलिस की केस डायरी भी ले ली थी.
India | बुधवार सितम्बर 12, 2018 01:14 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने भीमा-कोरेगांव हिंसा के सिलसिले में नज़रबंद रखे गए पांच वाम विचारकों की नज़रबंदी की अवधि 17 सितंबर तक के लिए बढ़ा दी है. बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कोरेगांव-भीमा गांव में हिंसा की घटना के सिलसिले में पांच कार्यकर्ताओं को घरों में ही नजरबंद रखने की अवधि 12 सितंबर तक के लिये बढ़ाई थी.
Maharashtra | बुधवार सितम्बर 12, 2018 03:29 AM IST
डिप्टी-मेयर सिद्धार्थ ढेंडे की अगुआई वाली बहु सदस्यीय समिति ने मंगलवार को इस मामले की जांच कर रही पुणे ग्रामीण पुलिस को अपनी रिपोर्ट सौंपी.
भीमा कोरेगांव मामला: सामने आया यलगार परिषद के भाषण का वीडियो, माओवादी होने के दावों पर सवालिया निशान
India | बुधवार सितम्बर 5, 2018 09:51 AM IST
पुणे में भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में वाम विचारकों और कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुणे पुलिस की कार्रवाई को लेकर बहस जारी है. एनडीटीवी द्वारा यलगार परिषद में दिये गये भाषणों के वीडियो की समीक्षा के मुताबिक, पुणे में आयोजित यलगार परिषद में कार्यकर्ताओं और वाम विचारकों ने संविधान बचाने का संकल्प लिया था. पिछले साल दिसंबर के अंत में आयोजित यलगार परिषद के नाम से जाना जाने वाले सभा पर माओवादी हिंसा की साजिश रचने और भीमा कोरेगावं हिंसा भड़काने का आरोप है. देश भर से कार्यकर्ताओं और वाम विचारकों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई का आधार यलगार परिषद में दिये गये भाषणों को ही माना जा रहा है.
जब स्वरा भास्कर बोलीं: महात्मा गांधी की हत्या का जश्न मनाने वाले आज सत्ता में हैं, देखें VIDEO
India | रविवार सितम्बर 2, 2018 09:48 AM IST
बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर अपने बेबाक बयानों और अंदाज को लेकर अक्सर चर्चा में रहती हैं. इस बार भी वह अपने बेबाकी की वजह से फिर से मीडिया की सुर्खियों में आ गई हैं. भीमा कोरेगावं हिंसा में गिरफ्तारी और अर्बन नक्सल की बहसों के बीच अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने कहा कि जिन लोगों ने महात्मा गांधी की हत्या का जश्न मनाया, अभी वह सत्ता में हैं. स्वरा भास्कर ने कोरेगांव हिंसा मामले में हुई गिरफ्तारियों पर भी सवाल उठाया. इंडियन वीमन प्रेस कॉर्प्स की ओर से शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में स्वरा ने कहा कि लोगों को उनके कर्मों के लिए दंडित किया जाना चाहिए, न कि उनके विचारों और सोच के लिए.
कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारियों का मकसद असहमति को कुचलना है : चिदंबरम
India | रविवार सितम्बर 2, 2018 12:14 AM IST
कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने माओवादियों से संबंध के आरोपों में वामपंथी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को लेकर महाराष्ट्र सरकार की आलोचना करते हुए शनिवार को कहा कि यह असहमति को कुचलने की कोशिश है.
India | शुक्रवार अगस्त 31, 2018 04:50 PM IST
भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में की गई गिरफ्तारियों पर महाराष्ट्र पुलिस के ADG परमबीर सिंह ने कहा कि जांच से पता चला कि माओवादी संगठनों द्वारा बहुत बड़ी साज़िश रची जा रही है.
Maharashtra | शुक्रवार अगस्त 31, 2018 04:56 PM IST
भीमा-कोरगांव हिंसा मामले में वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी को लेकर महाराष्ट्र पुलिस का कहना है कि यह सभी माओवादियों के लिए अंडरग्राउंड काम कर रहे थे. केंद्र सरकार को अस्थिर करने के लिए माओवादी संगठनों द्वारा बहुत बड़ी साज़िश रची जा रही थी.
जिन वाम विचारकों को गिरफ्तार किया गया, उनकी पहचान मनमोहन सरकार में ही हुई थी: गृह मंत्रालय
India | गुरुवार अगस्त 30, 2018 11:01 AM IST
साल 2012 में यूपीए सरकार ने 128 से अधिक ऐसे संगठनों की पहचान की थी, जिनके संबंध माओवादियों से थे. साथ ही यूपीए सरकार ने कुछ ऐसे लोगों की भी पहचान की थी, जो माओवादियों के संगठन से जुड़े हुए थे. उनमें से ही कुछ लोगों को मंगलवार को महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार किया. वाम विचारकों की गिरफ्तारी के बाद मोदी सरकार के खिलाफ में आवाजें मुखर हो रही हैं. यही वजह है कि गृह मंत्रालय के अधिकारी वाम विचारकों के खिलाफ कार्रवाई को सही ठहराने के लिए फैक्ट और फिगर्स के साथ सामने आए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा - असहमति लोकतंत्र का 'सेफ्टी वॉल्व है, अगर इसे प्रेशर कूकर की तरह दबाएंगे तो...
India | गुरुवार अगस्त 30, 2018 12:18 AM IST
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार किए गए 5 मानवाधिकार कार्यकर्ताओ को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. आज सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि डिसेन्ट या असहमति होना लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल्व है. अगर आप इसे प्रेशर कूकर की तरह दाबाएंगें तो ये फट जाएगा. तमाम दलीले सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपियो को उनके घर में ही हाउस अरेस्ट रखा जाए. साथ ही महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी करके इस मामले में 5 सितंबर तक जवाब मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई 6 सितंबर को होगी. सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद पुणे कोर्ट में दोबारा सुनवाई हुई और उसने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक आरोपियों को उनके घर पहुंचाने को कहा है.
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