'Blog on Congress'

- 17 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • Blogs | धर्मेंद्र सिंह |मंगलवार नवम्बर 21, 2023 08:50 PM IST
    इस बार के विधानसभा चुनाव मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में वोटरों को लुभाने के लिए घोषणाओं की बरसात हो गई है. सारी पार्टी की घोषणाओं का लब्बोलुआब है, किसान की कर्ज माफी, धान और गेहूं की खरीदारी की कीमत बढ़ाना, सस्ता सिलेंडर, मुफ्त बिजली, किसान सम्मान निधि बढ़ाने, मुफ्त राशन बढ़ाने का है.
  • Blogs | अमिताभ तिवारी |मंगलवार मई 23, 2023 08:27 PM IST
    आम आदमी पार्टी के दो वरिष्ठ मंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के भ्रष्टाचार के मामलों में जेल जाने के बाद पार्टी कमजोर पड़ी है. पार्टी की छवि को गहरा धक्का पहुंचा है.
  • Blogs | प्रियदर्शन |मंगलवार फ़रवरी 11, 2020 03:48 PM IST
    यह सच है कि दिल्ली के नागरिकों ने ध्रुवीकरण की राजनीति को नकार दिया है. लेकिन यह इतना सपाट मामला नहीं है. नागरिकों के फ़ैसले के पीछे और भी वजहें हो सकती हैं. आम आदमी पार्टी का दावा है कि उसके काम की वजह से उसे वोट मिले. बहुत दूर तक यह बात सही लगती है. मुफ्त बिजली-पानी, महिलाओं के लिए मुफ़्त यात्रा और स्कूलों और मोहल्ला क्लीनिकों की सुविधा इस महानगर के ग़रीब और निम्नमध्यवर्गीय लोगों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं रही. हालांकि सांप्रदायिकता ऐसी अंधी होती है कि उसे कई बार कुछ भी दिखाई नहीं पड़ता है.
  • Blogs | रवीश कुमार |सोमवार दिसम्बर 2, 2019 04:24 PM IST
    राहुल बजाज के बयान को मामूली बताने के लिए अभी तक कुछ अख़बारों में विज्ञापन दे देना था जैसे टेक्सटाइल वालों ने विज्ञापन देकर बताया था कि कैसे उनका सेक्टर बर्बाद हो गया है. तुरंत बयान दें कि सब ठीक है और भारत सबसे तेज़ गति से बढ़ने वाला देश है. जब आपकी कार की स्पीड साठ से उतर कर बीस पर आती है तब आपको पता चलता है कि कार सुपर स्पीड से चल रही है.
  • Blogs | स्वाति चतुर्वेदी |रविवार जुलाई 7, 2019 01:48 AM IST
    एक ओर राहुल गांधी ने जहां अपने फैसलों पर अडिग रहकर राजनीति में अपनी विश्‍वसनीयता को बनाए रखा, तो वहीं दूसरी ओर उनके इस दृढ़ निश्‍चय ने उनकी ही पार्टी की 'दयनीय' हालत की तरफ सबका ध्‍यान खींचा है.
  • Blogs | प्रियदर्शन |सोमवार जून 10, 2019 12:54 PM IST
    यह सच है कि 2014 और 2019 के आम चुनाव में राहुल गांधी और कांग्रेस बुरी तरह पराजित हुए हैं. नरेंद्र मोदी और BJP की ऐतिहासिक जीत के आईने में यह हार कुछ और बड़ी और दुखी करने वाली लगती है. लेकिन अतीत में देखें तो ऐसे इकतरफ़ा परिणाम और अनुमान कांग्रेस और BJP दोनों के हक़ में आते रहे हैं और दोनों को हंसाते-रुलाते रहे हैं. 1984 में जब राजीव गांधी को 400 से ज्यादा सीटें मिली थीं और अटल-आडवाणी को महज 2, तब भी कुछ लोगों को लगा था कि अब तो BJP का सफ़ाया हो गया. लेकिन 1989 आते-आते BJP वीपी सिंह की सत्ता का एक पाया बनी हुई थी.
  • Blogs | सुशील कुमार महापात्र |रविवार मई 26, 2019 01:52 PM IST
    ऑस्ट्रेलिया टीम इसीलिए अच्छा प्रदर्शन करती है. भारत की राजनीति में भी यह फार्मूला लागू होना चाहिए. फॉर्म में जो नेता नहीं हैं उनके जगह नए नेताओं को टिकट देना चाहिए. यह जो पुराने नेता है उन्हें टेनिस की तरह नॉन प्लेइंग कप्तान बना देना चाहिए जो बाहर बैठकर सलाह देते रहे.
  • Blogs | रवीश कुमार |शुक्रवार मई 24, 2019 04:55 PM IST
    2019 का जनादेश मेरे ख़िलाफ कैसे आ गया? मैंने जो पांच साल में लिखा बोला है क्या वह भी दांव पर लगा था? जिन लाखों लोगों की पीड़ा हमने दिखाई क्या वह ग़लत थी? मुझे पता था कि नौजवान, किसान और बैंकों में गुलाम की तरह काम करने वाले लोग भाजपा के समर्थक हैं. उन्होंने भी मुझसे कभी झूठ नहीं बोला. सबने पहले या बाद में यही बोला कि वे नरेंद्र मोदी के समर्थक हैं. मैंने इस आधार पर उनकी समस्या को खारिज नहीं किया कि वे नरेंद्र मोदी के समर्थक हैं. बल्कि उनकी समस्या वास्तविक थी इसलिए दिखाई. आज एक सांसद नहीं कह सकता कि उसने पचास हज़ार से अधिक लोगों को नियुक्ति पत्र दिलवाया है. मेरी नौकरी सीरीज़ के कारण दिल्ली से लेकर बिहार तक में लोगों को नियुक्ति पत्र मिला है. कई परीक्षाओं के रिज़ल्ट निकले. उनमें से बहुतों ने नियुक्ति पत्र मिलने पर माफी मांगी की वे मुझे गालियां देते थे. मेरे पास सैंकड़ों पत्र और मैसेज के स्क्रीन शॉट पड़े हैं जिनमें लोगों ने नियुक्ति पत्र मिलने के बाद गाली देने के लिए माफी मांगी है. इनमें से एक भी यह प्रमाण नहीं दे सकता कि मैंने कभी कहा हो कि नरेंद्र मोदी को वोट नहीं देना. यह ज़रूर कहा कि वोट अपने मन से दें, वोट देने के बाद नागरिक बन जाना.
  • Blogs | रवीश कुमार |बुधवार अप्रैल 3, 2019 12:59 PM IST
    100 करोड़ से अधिक आबादी वाले देश में कुल संपत्तियों का 70 फीसदी एक प्रतिशत आबादी के बाद चला गया है. इस एक प्रतिशत ने सुधार के नाम पर राज्य के पास जमा संसाधनों को अपने हित में बटोरा है. आज प्राइवेट जॉब की स्थिति पर चर्चा छेड़ दीजिए, दुखों का आसमान फट पड़ेगा, आप संभाल नहीं पाएंगे. हम आज एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं. हमें राज्य के संसाधन, क्षमता और कारपोरेट के अनुभवों का तुलनात्मक अध्ययन करना चाहिए. एक की कीमत पर उसे ध्वस्त करते हुए कारपोरेट का पेट भरने से व्यापक आबादी का भला नहीं हुआ.
  • Lok Sabha Elections 2019 | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार मार्च 20, 2019 11:22 AM IST
    पीएम मोदी ने लिखा है, 'कांग्रेस हमेशा से रक्षा क्षेत्र को कमाई के एक स्रोत के रूप में देखती आई है. यही कारण है कि हमारे सशस्त्र बलों को कभी भी कांग्रेस से वह सम्मान नहीं मिला, जिसके वे हकदार थे. 1947 के बाद से ही, कांग्रेस की हर सरकार में तरह-तरह के रक्षा घोटाले होते रहे. घोटालों की इनकी शुरुआत जीप से हुई थी, जो तोप, पनडुब्बी और हेलिकॉप्टर तक पहुंच गई. इनमें हर बिचौलिया एक खास परिवार से जुड़ा रहा है.'
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