Literature | प्रियदर्शन |शुक्रवार जनवरी 26, 2018 11:44 PM IST शिवरतन थानवी की यह किताब 'जग दर्शन का मेला' अलग-अलग छिटपुट समयों में लिखी गई उनकी डायरियों और टिप्पणियों से बनती हैं. इन टिप्पणियों के बीच हमें राजस्थान की शैक्षिक पहल के सूत्र भी मिलते हैं और उसके सामाजिक पर्यावरण के भी. शिवरतन थानवी बीच-बीच में साहित्यिक कृतियों पर भी टिप्पणी करते चलते हैं, व्यक्तित्वों पर भी और आयोजनों पर भी.