India | Reported by: भाषा, Edited by: शहादत |सोमवार मार्च 9, 2020 12:40 PM IST CBI की प्राथमिकी के अनुसार घोटाला अप्रैल और जून, 2018 के बीच शुरू हुआ, जब यस बैंक ने DHFL के अल्पकालिक ऋण पत्रों में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया था. उन्होंने कहा कि इसके बदले वाधवन ने कथित रूप से कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को 600 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया. उन्होंने कहा कि यह लाभ डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को कर्ज के रूप में दिया गया.