Blogs | विराग गुप्ता |सोमवार अक्टूबर 3, 2016 04:19 PM IST मैं चंदू बाबूलाल चौहान राष्ट्रीय राइफल्स का 22 साल का सैनिक, अब पाकिस्तानी सेना के निकयाल मुख्यालय में कैद हूं. मैं इतिहास के पन्नों में कैद पृथ्वीराज चौहान चाह कर भी नहीं हो सकता जिन्होंने 12वीं शताब्दी में मोहम्मद बिन गोरी को शब्दभेदी बाण से मारा था. मुझे यह भी नहीं मालूम कि मैं वापस भारत आ पाऊंगा या मेरा हश्र भी शहीद लांस नायक हेमराज की तरह हो जाएगा.