Career | IANS |रविवार नवम्बर 19, 2017 02:22 PM IST सिन्हा ने बताया, "दयाल सिंह कॉलेज में दो कॉलेज थे, एक दिवाकालीन और दूसरा सांध्य. सांध्य कॉलेज के छात्रों को दोयम दर्जे का समझा जाता है. वे नौकरियों की तलाश में भी कठिनाइयों का सामना करते हैं. यही कारण है कि शासी निकाय ने इसे एक दिवाकालीन कॉलेज में बदल दिया."