India | Reported by: मुकेश सिंह सेंगर, Edited by: सूर्यकांत पाठक |सोमवार दिसम्बर 30, 2019 11:01 PM IST नागरिकता संशोधन कानून पर विरोध प्रदर्शन के दौरान जो हिंसा हुई, उसमें शामिल असामाजिक तत्वों और अपराधियों की पहचान फेस रिकग्नीशन यानी चेहरे की पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर के जरिए की जा रही है. दिल्ली पुलिस ने हाल ही में इस तकनीक का प्रयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में भी किया था. नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली के जामिया नगर, सीलमपुर और दरियागंज में वे कौन लोग थे जिन्होंने हिंसा की, गाड़ियां जलाईं और करोड़ों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया? क्या इसमें अपराधी और असामाजिक तत्व भी शामिल थे? इस सवाल का जवाब खोजने के लिए दिल्ली पुलिस फेस रिकग्नीशन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने जा रही है.