'Foreign Students in America'

- 7 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • Career | Reported by: उमा सुधीर, Written by: पूनम मिश्रा |गुरुवार फ़रवरी 16, 2023 01:01 PM IST
    Study in Abroad: विदेश में पढ़ना और वहीं सेट हो जाना लगभग हर भारतीय का सपना है. कोविड के बाद इस सपने में इजाफा हुआ है. आंकड़े बताते हैं कि साल 2021 में विदेश जाकर पढ़ने वाले छात्रों की तादाद 4 लाख 44 हजार 553 थी, जो साल 2022 में बढ़कर 7 लाख 50 हजार 365 हो गई. 
  • World | Reported by: NDTV.com |शनिवार जुलाई 25, 2020 02:30 PM IST
    महामारी के चलते  सभी क्लासेज को ऑनलाइन करने के आदेश के बाद अमेरिका ने यह नए निर्देश जारी किए है. यह आदेश डोनाल्ड ट्रम्प एडिमिनिस्ट्रेशन के आईसीई यानी कि इमीग्रेशन और कस्टम एन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट ने जारी किया है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस संकट के दौरान कई तरह के वीजा को निलंबित कर दिया है. छात्रों को लेकर डोनाल्ड ट्रंप लगातार विवादों में रहे हैं.  
  • Career | Reported by: भाषा |बुधवार जुलाई 15, 2020 05:04 PM IST
    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को कहा कि वह जल्द ही योग्यता पर आधारित एक ऐसे नए आव्रजन कानून पर हस्ताक्षर करेंगे, जिसमें उन प्रवासियों का भी ध्यान रखा जाएगा, जिन्हें बचपन में अवैध रूप से अमेरिका लगाया गया था. इन प्रवासियों में कई भारतीय या दक्षिण एशिया के लोग हैं. ट्रम्प अमेरिकी आव्रजन प्रणाली के पारिवारिक संबंधों के बजाय योग्यता आधारित होने पर लंबे समय से जोर दे रहे हैं. ट्रम्प ने व्हाइट हाउस के ‘रोज़ गार्डन’ में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ हम एक आव्रजन कानून पर जल्द हस्ताक्षर करने वाले हैं. यह योग्यता आधारित होगा, यह काफी सशक्त होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम डीएसीए (डेफर्ड एक्शन फॉर चाइल्डहुड अराइवल्स) पर काम करने वाले हैं क्योंकि हम लोगों को खुश करना चाहते हैं और मैं आपको बताना चाहूंगा कि यहां तक कि रूढ़िवादी रिपब्लिकन भी डीएसीए के साथ कुछ होते देखना चाहते हैं.’’
  • Career | Reported by: भाषा |मंगलवार जुलाई 14, 2020 03:59 PM IST
    गूगल, फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट समेत अमेरिका की कई शीर्ष प्रौद्योगिकी कंपनियां आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) के नये नियम के खिलाफ हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की तरफ से दायर वाद में पक्ष बन गई हैं. इस नियम के मुताबिक विदेशी छात्रों को कम से कम एक पाठ्यक्रम ऐसा लेना होगा, जिसमें वह व्यक्तिगत रूप से कक्षा में उपस्थित रह सकें अन्यथा उन्हें निर्वासित होने के जोखिम का सामना करना होगा. अस्थायी निरोधक आदेश और प्रारंभिक निषेधाज्ञा का अनुरोध कर रही इन कंपनियों, अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स और अन्य आईटी पैरोकारी समूहों का कहना है कि छह जुलाई का आईसीई (ICE) का निर्देश नियुक्ति की उनकी योजनाओं को प्रभावित करेगा और उनके लिए अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अपने कारोबार में शामिल करना मुश्किल हो जाएगा. 
  • Career | Reported by: भाषा |गुरुवार जुलाई 9, 2020 03:34 PM IST
    अमेरिका में भारतीय दूतावास ने कहा कि एफ-1 वीज़ाधारक कुछ विदेशी छात्रों के लिए वीज़ा संबंधी नए दिशानिर्देश ‘अनिश्चितता और मुश्किलें पैदा' करने वाले हो सकते हैं. इस दिशा-निर्देशों के मुताबिक विदेशी छात्रों को कम से कम एक पाठ्यक्रम ऐसा लेना होगा, जिसमें वह व्यक्तिगत रूप से कक्षा में उपस्थित रह सकें, अन्यथा उन्हें निर्वासित होने के जोखिम का सामना करना होगा. भारतीय दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ऐसे वक्त में, जब अमेरिकी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों ने नए अकादमिक वर्ष के लिए अपनी योजनाओं की घोषणा नहीं की है, तो इन नए दिशानिर्देशों से अमेरिका में अपनी पढ़ाई जारी रखने के इच्छुक कुछ भारतीय विद्यार्थियों के लिए अनिश्चितता के हालात बन सकते हैं और मुश्किलें पैदा हो सकती हैं.''
  • Career | Reported by: भाषा |बुधवार जुलाई 8, 2020 05:34 PM IST
    अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन द्वारा जारी किए गए उन दिशा-निर्देशों की कई कांग्रेस सदस्यों और शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों ने निंदा की है जिनके तहत एफ-1 वीजा पर अमेरिका में रह रहे विदेशी छात्रों को कम से कम एक पाठ्यक्रम ऐसा करना होगा, जिसमें वह व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रह सकें अन्यथा उन्हें निर्वासित होने के जोखिम का सामना करना होगा. हालांकि विदेश विभाग ने कहा है कि अमेरिका में ही रहकर पढ़ने के इच्छुक कई विदेशी छात्रों के पास अब भी ऐसा करने का अवसर है.
  • World | Reported by: NDTV.com, Edited by: नितेश श्रीवास्तव |मंगलवार जुलाई 7, 2020 11:07 AM IST
    Student VISA USA: विभाग के अनुसार ऐसे छात्रों को अमेरिका में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी या फिर अगर वह अभी भी अमेरिका में रह रह हैं तो उन्हें अमेरिका छोड़कर अपने देश जाना होगा. उन्होंने कहा कि अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो छात्रों को इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. 
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