'Global Teacher Prize'

- 5 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • India | Reported by: निधि कुलपति, Edited by: सुबोध आनंद गार्ग्य |शुक्रवार दिसम्बर 4, 2020 08:28 PM IST
    ग्लोबल टीचर प्राइज 2020 सोलापुर के शिक्षक रंजीत सिंह दिसाले को मिला है. लंदन में घोषित किए गए पुरस्कार के दौरान उनकी काफी तारीफ की गई. सोलापुर के एक प्राइमरी स्कूल के शिक्षक दिसाले ने विपरीत परिस्थिति में स्कूल के बच्चों के लिए स्थानीय भाषा में किताबों का इंतजाम किया. साथ ही साथ क्यूआर कोड भी उपलब्ध कराए. दिसाले ने स्कूल में छात्रों की उपस्थिति को भी बढ़ाने में मदद की. यही नहीं उनकी कोशिशों से इलाके में कम उम्र में बच्चों की शादियां भी कम होने लगीं. खास बात ये है कि 7 करोड़ की सम्मान राशि में से उन्होंने आधी राशि बाकी शिक्षकों के साथ शेयर करने का फैसला किया है.
  • India | Reported by: सोहित राकेश मिश्र |शुक्रवार दिसम्बर 4, 2020 07:05 PM IST
    रणजीत बताते हैं, 'हमने जो QR कोड किताबों पर चिपकाए थे, उसमें उस चैप्टर से जुड़ी कई जानकारी होती है. मान लीजिए आप QR कोड स्कैन करते हैं तो आपको उस छोर से जुड़ी जानकारी, एनिमेटेड वीडियो और ऑडियो मिल जाता है. यह अहम पुरस्‍कार जीतने के बाद दरियादिली दिखाते हुए 31 वर्षीय रणजीत ने 7 करोड़ की इनामी राशि में से 50 फीसदी राशि अंतिम दौर में पहुंचने वाले 9 अन्य टीचर्स के साथ बांटने का ऐलान किया.
  • Career | Written by: नेहा फरहीन |शुक्रवार दिसम्बर 4, 2020 11:34 AM IST
    महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के पारितेवादी गांव के प्राथमिक स्कूल शिक्षक रंजीत सिंह दिसाले (Ranjitsinh Disale ) ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर कई अन्य शिक्षकों के लिए मिसाल कायम की है. रंजीत सिंह दिसाले को बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने और देश में त्वरित कार्रवाई (क्यूआर) कोड वाली पाठ्यपुस्तक क्रांति में महती प्रयास के लिए 10 लाख डॉलर के वार्षिक ग्लोबल टीचर प्राइज 2020 का विजेता घोषित किया गया है. उनकी इस उपलब्धि पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray) ने शिक्षक रंजीत सिंह दिसाले को बधाई दी है. 
  • World | Reported by: भाषा |शुक्रवार दिसम्बर 4, 2020 03:54 PM IST
    दरअसल जब दिसाले 2009 में सोलापुर के पारितवादी के जिला परिषद प्राथमिक विद्यालय पहुंचे थे तब वहां स्कूल भवन जर्जर दशा में था तथा ऐसा लग रहा था कि वह मवेशियों की रहने की जगह और स्टोररूम के बीच का स्थान है. उन्होंने चीजें बदलने का जिम्मा उठाया और यह सुनिश्चित किया कि विद्यार्थियों के लिए स्थानीय भाषाओं में पाठ्यपुस्तक उपलब्ध हो.
  • Career | Edited by: Bhasha |गुरुवार फ़रवरी 18, 2016 07:23 PM IST
    मुंबई में शहर के रेड लाइट इलाकों की लड़कियों के लिए एक गैर लाभकारी स्कूल चलाने वाली एक भारतीय शिक्षक को शिक्षकों के वैश्विक पुरस्कार के लिए चयनित 10 शीर्ष लोगों में नामित किया गया है।
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