India | Reported by: ANI, Translated by: आनंद नायक |शुक्रवार अगस्त 20, 2021 06:02 PM IST 20 साल पहले के मंजर का याद करते हुए शरण ने कहा, 'वे आज भी रॉकेट लांचर लेकर खुली जीप में काबुल की सड़कों पर घूम रहे हैं. ठीक वैसे ही जैसे वे हमारे विमान को कंधार में घेरे हुए थे. उस समय वे हमारी बात नहीं सुन रहे थे. उनका उद्देश्य केवल यह था कि उनकी मांगे पूरी की जाएं. हम जानते थे कि उनकी मांगों के पूरे हुए बिना हम उस स्थिति से बाहर नहीं निकल सकते.'