Blogs | रवीश कुमार |मंगलवार जून 27, 2017 10:33 PM IST विशेषाधिकार हनन के मामले में निंदा होती है, फटकारा जाता है मगर जेल भेजने की सज़ा किसी ने सुनी नहीं. बस यहीं से विवाद शुरू हो गया कि क्या विधायिका को वो फैसले लेने चाहिए जो न्यायपालिका का काम है. जेल भेजने का काम न्यायपालिका का होता है.