Blogs | ऋचा जैन कालरा |बुधवार मई 31, 2017 02:59 PM IST 'हिन्दी मीडियम' की कहानी फिल्मी सही, लेकिन असली-सी लगती है... संदेश दे जाती है कि मीडियम हिन्दी हो या अंग्रेज़ी, स्थायी तरक्की जड़ों से कटकर कभी नहीं होती और असली तरक्की के लिए किसी के अरमानों के बलि मत दीजिए... काश, यह बात सब समझ पाएं...