Blogs | प्रियदर्शन |सोमवार मार्च 26, 2018 08:24 PM IST कई अर्थों मे महादेवी वर्मा हिंदी की विलक्षण कवयित्री हैं. उनमें निराला की गीतिमयता मिलती है, प्रसाद की करुण दार्शनिकता और पंत की सुकुमारता- लेकिन इन सबके बावजूद वे अद्वितीय और अप्रतिम ढंग से महादेवी बनी रहती हैं. उनके गीतों से रोशनी फूटती है, संगीत झरता है.