Blogs | रवीश कुमार |बुधवार जुलाई 13, 2022 11:45 PM IST भारत श्रीलंका जैसा कभी नहीं होगा लेकिन गोटाबाया की यह दलील भारत में भी कई बार सुनाई देती है.श्रीलंका की कहानी इसलिए नहीं सुनाई जानी चाहिए कि ऐसा भारत में हो जाएगा, ऐसा कभी नहीं होगा, बल्कि इसलिए सुनाई जानी चाहिए कि जब भी पत्रकारों का दमन हो,सतर्क हो जाना चाहिए.90 प्रतिशत साक्षरता दर वाले श्रीलंका के लोगों ने जो किया, 78 प्रतिशत साक्षरता दर वाले भारत के लोग भी वही कर रहे हैं.