Blogs | शुक्रवार अक्टूबर 9, 2015 08:27 PM IST रवींद्र जैन दृष्टिहीन थे, लेकिन शायद संगीत ही उनकी वह आंखें थीं जिनसे वह अनदेखे जगत की संवेदनाओं को ग्रहण और अभिव्यक्त करते रहे। रवींद्र जैन आज भले ही नहीं रहे लेकिन उनकी मधुर संगीत रचनाएं उन्हें कभी विस्मृत नहीं होने देंगी।