India | Reported by: हर्षा कुमारी सिंह |शुक्रवार जून 24, 2016 07:29 PM IST गरीबी के बीच मेहनत और कामयाबी की एक कहानी बाड़मेर में सामने आई है। यहां एक दिहाड़ी मजदूर का बेटा डॉक्टर बनने जा रहा है। पाबुलाल की एक कच्ची झोपड़ी है। पिता दिहाड़ी मजदूर हैं। पाबुलाल गांव की चौपाल में बैठकर लालटेन के सहारे पढ़ता रहा। उसने गांव से ही दसवीं पास की और उसकी लगन ने उसे एम्स तक पहुंचा दिया।