Literature | इंडो-एशियन न्यूज़ सर्विस |शुक्रवार दिसम्बर 30, 2016 11:13 AM IST खुदा जब दुख देता है, तो उसे हटाने के रास्ते भी दिखा देता है. ऐसा ही कुछ हुआ है, मुरादाबाद के कुंदरकी कस्बे के रहने वाले 23 साल के शादाब के साथ. शादाब 8 साल की उम्र से ही सूफी कव्वाली गा रहे हैं और उन्हें चेन्नई, दार्जिलिंग और नेपाल तक से बुलावा आ रहा है.