'Rajeev dhawan'

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  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: नितेश श्रीवास्तव |गुरुवार सितम्बर 10, 2020 01:19 PM IST
    Prashant Bhushan Contempt Case: सुप्रीम कोर्ट ने वेणुगोपाल से इस मामले में विचार करने और सवाल तय करने में मदद के लिए है. बता दें कि मामले (Prashant Bhushan Contempt Case) की सुनवाई 12 अक्टूबर तक के लिए टल गई है. जस्टिस ए.एम खानविलकर, दिनेश माहेश्वरी और संजीव खन्ना की तीन जजों वाली बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस मामले की सुनवाई की.बताते चलें कि इससे पहले जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने मामले को CJI के पास भेजा था.
  • India | Reported by: मुकेश सिंह सेंगर, Edited by: Samarjeet Singh |शुक्रवार अक्टूबर 18, 2019 01:14 PM IST
    बता दें कि अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद के ज़मीन विवाद (Ayodhya case) पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है और इस पर 17 नंवबर से पहले फ़ैसला सुनाया जा सकता है. 17 नवंबर को ही सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई रिटायर हो रहे हैं.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: मानस मिश्रा |गुरुवार अक्टूबर 17, 2019 10:34 AM IST
    अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद के ज़मीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है और इस पर 17 नंवबर से पहले फ़ैसला सुनाया जा सकता है. 17 नवंबर को ही सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई रिटायर हो रहे हैं. इस मामले में 5 जजों की संविधान पीठ ने लगातार 40 दिन तक सुनवाई की.
  • India | Reported by: कमाल खान, Edited by: आरिफ खान मंसूरी |गुरुवार अक्टूबर 17, 2019 10:40 AM IST
    फैसला सुरक्षित रखने जाने के बाद अयोध्या में जगह-जगह पुलिस ने बैरियर लगा दिए हैं. गाड़ियों को रोककर लोगों की तलाशी ली जा रही है. इसके अलावा यहां प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी दीवाली मनाने आने वाले हैं, ऐसे में भी सुरक्षा मजबूत की गई है. यूपी के डीजीपी ओपी सिंह का कहना है, 'सुरक्षा की व्यवस्था व्यापक होगी. पिछली बार भी हम लोगों ने किया था. क्योंकि इस साल विशाल स्तर पर किया जा रहा है. पूरी व्यवस्था होगी. पैरा मिलिट्री फोर्स, पीएसी, पुलिस सभी की व्यवस्था होगी.'
  • India | Reported by: भाषा |गुरुवार अक्टूबर 17, 2019 10:47 AM IST
    सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में सुनवाई बुधवार को पूरी कर ली और फैसला सुरक्षित रख लिया. संविधान पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर 2010 के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर छह अगस्त से रोजाना 40 दिन तक सुनवाई की. इस दौरान विभिन्न पक्षों ने अपनी अपनी दलीलें पेश कीं. संविधान पीठ ने इस मामले में सुनवाई पूरी करते हुये संबंधित पक्षों को ‘मोल्डिंग ऑफ रिलीफ’ (राहत में बदलाव) के मुद्दे पर लिखित दलील दाखिल करने के लिये तीन दिन का समय दिया. इस मामले में दशहरा अवकाश के बाद 14 अक्टूबर से अंतिम चरण की सुनवाई शुरू हुयी.
  • India | Edited by: प्रभात उपाध्याय |गुरुवार अक्टूबर 17, 2019 02:38 AM IST
    1994 में अयोध्य़ा मामले में अपनी जिरह से चर्चा में आए राजीव धवन (Rajeev Dhavan) सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं. उन्होंने इलाहाबाद और शेरवुड स्कूल, नैनीताल से अपनी स्कूली शिक्षा हासिल की है.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: आरिफ खान मंसूरी |बुधवार अक्टूबर 16, 2019 09:33 AM IST
    रामलला विराजमान के वकील वैद्यनाथन ने दलील दी कि खुदाई में मिली कमल की आकृति, सर्कुलर श्राइन, परनाला की उपस्थिति ये साबित करता है कि वह संरचना मंदिर ही थी क्योंकि यह उत्तर भारतीय मंदिरों की विशेषताएं हैं. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आस्था और विश्वास पूरी तरह से अलग दलीलें हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि बेशक आस्था और विश्वास के लिए सबूत नहीं हो सकते. लेकिन हम अब मुख्य साक्ष्य की ओर हैं.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: अल्केश कुशवाहा |बुधवार अक्टूबर 16, 2019 09:46 AM IST
    इस पर राजीव धवन ने कहा, ''19वीं सदी के उत्तरार्ध 1873-1877 के बीच जब वहां दोनों तरह की प्रार्थनाएं हो रही थीं तब की होंगी.'' फिर जस्टिस भूषण ने कहा, ''ये तो विष्णु मंदिरों के द्वारपाल होते थे जय विजय. इन जय विजय की मूर्ति वाले कसौटी खंबों का ज़िक्र 1428 में भी मिलता है.'' इस पर धवन ने कहा, ''मुझे वो फोटो मैग्निफाइंग ग्लास यानी आतिशी शीशे से देखनी होंगी.''
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: आरिफ खान मंसूरी |बुधवार अक्टूबर 16, 2019 09:49 AM IST
    इस पर CJI रंजन गोगोई ने कहा कि कोर्ट के बाहर इस तरह के व्यवहार की निंदा करते हैं. देश में ऐसा नहीं होना चाहिए. हम इस तरह के बयानों को रद्द करते हैं. दोनों पक्ष बिना किसी डर के अपनी दलीलें अदालत के समक्ष रखने के लिए स्वतंत्र हैं.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: आरिफ खान मंसूरी |बुधवार अक्टूबर 16, 2019 09:54 AM IST
    न्होंने कहा है कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में एक मुस्लिम पक्षकार की पैरवी करने पर उन्हें इस अधिकारी ने धमकी दी है. मामले में धवन याचिकाकर्ता एम सिद्दीकी और अखिल भारतीय सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से पेश हो रहे हैं. याचिकाकर्ता का कहना है कि 14 अगस्त 2019 को लिखे एक पत्र में सेवानिवृत्त शिक्षा अधिकारी एन षणमुगम ने उन्हें धमकी दी है. धवन के मुताबिक, यह पत्र उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के कर्मचारी ने 22 अगस्त 2019 को सौंपा था.
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