India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: अल्केश कुशवाहा |बुधवार अक्टूबर 16, 2019 09:35 AM IST ASI ने माना है कि गुप्ता काल तक जगह की प्रकृति की पहचान नहीं की जा सकती थी. यह कहना गलत है कि मंदिर 12वीं शताब्दी में बनाया गया था. इसे "दिव्य" कैसे कहा जा सकता है? दिव्य युगल का नाम कैसे दिया जा सकता है? गोल गुंबद के पास अष्टकोणीय आकृति थीं. ASI की रिपोर्ट सिर्फ एक राय है.