Blogs | बुधवार दिसम्बर 3, 2014 11:57 AM IST सुप्रीम कोर्ट की टिपण्णी को डेढ़ साल हो चुका है, लेकिन तोता कल भी पिंजरे में था, आज भी है... एक तोता भले ही आज रिटायर होकर आज़ाद हो गया, लेकिन यह भी तय है कि कल दूसरा तोता आ जाएगा... दरअसल, तोते बदलने से बेहतर है, इंतज़ार करना - पिंजरे के टूटने का, और तोते के आज़ाद हो जाने का...