Blogs | रवीश कुमार |बुधवार अप्रैल 27, 2022 10:34 AM IST जब कोई कंपनी आपकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का ठेका लेने लगे और गारंटी देने लगे, तो थोड़ा सतर्क हो जाने में कोई बुराई नहीं है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एडिट बटन की स्वतंत्रता देकर वाहवाही लूटने वाली वही कंपनियां अपने पास अलगोरिद्म का अधिकार रखती हैं, जिसकी मदद से किस सूचना या विचार को सब तक पहुंचाना है और गायब कर देना है, इसका खेल खेला जाता है. फेसबुक, व्हाट्स एप से लेकर हम ट्विटर के मामले में यह खेल देख चुके हैं. इलॉन मस्क ने ट्विटर को साबुन के भाव में खरीद लिया, इसे लेकर न तो आशंकित होने की ज़रूरत है और न उत्साहित, क्योंकि मौजूदा मालिकों के हाथ में सोशल मीडिया का यह प्लेटफार्म किस तरह से किसी का खाता बंद देते हैं, किसी के विचारों को पहुंचने नहीं देते हैं,आप देख कर अनदेखा कर भी चुके हैं.