'Ravish kumar on GDP'

- 5 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • Blogs | रवीश कुमार |बुधवार जनवरी 8, 2020 10:01 AM IST
    2016 में प्रधानमंत्री ने नोटबंदी का बोगस और आपराधिक फ़ैसला लिया था. तभी पता चल गया कि उन्होंने देश की गाड़ी गड्ढे में गिरा दी है मगर झांसा दिया गया कि दूरगामी परिणाम आएंगे. तब नशा था.
  • Blogs | रवीश कुमार |शनिवार नवम्बर 30, 2019 09:00 AM IST
    नोटबंदी एक बोगस फ़ैसला था. अर्थव्यवस्था को दांव पर लगा कर जनता के मनोविज्ञान से खेला गया. उसी समय समझ आ गया था कि यह अर्थव्यवस्था के इतिहास का सबसे बोगस फ़ैसलों में से एक है लेकिन फिर खेल खेला गया. कहा गया कि दूरगामी परिणाम होंगे. तीन साल बाद उन दूरगामियों का पता नहीं है.
  • Blogs | रवीश कुमार |सोमवार अगस्त 19, 2019 02:36 PM IST
    जब चीन ने टैक्सटाइल सेक्टर को छोड़ अधिक मूल्य वाले उत्पादों के सेगमेंट में जगह बनाने की नीति अपनाई तब इस ख़ाली जगह को भरने के लिए बांग्लादेश और वियतनाम तेज़ी से आए. अगर आप बिजनेस की ख़बरें पढ़ते होंगे तब ध्यान होगा कि कई साल पहले मोदी सरकार ने टेक्सटाइल सेक्टर के लिए 6000 करोड़ के पैकेज का एलान किया था. आज तक भारत का टेक्सटाइल सेक्टर उबर नहीं सका है. टेक्सटाइल रोज़गार देने वाले सेक्टरों में से एक रहा है. जून 2016 में मोदी कैबिनेट ने पैकेज की घोषणा करते वक्त कहा था कि अगले तीन साल में यानी 2019 तक टेक्सटाइल सेक्टर में 1 करोड़ रोज़गार पैदा किए जाएंगे और 75,000 करोड़ का निवेश होगा. तथ्य आप पता कर लें, आपको निराशा हाथ लगेगी.
  • Blogs | रवीश कुमार |मंगलवार सितम्बर 4, 2018 12:23 PM IST
    नोटबंदी ने लघु व मध्यम उद्योगों की कमर तोड़ दी है. हिन्दू मुस्लिम ज़हर के असर में और सरकार के डर से आवाज़ नहीं उठ रही है लेकिन आंकड़े रोज़ पर्दा उठा रहे हैं कि भीतर मरीज़ की हालत ख़राब है. भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुसार मार्च 2017 से मार्च 2018 के बीच उनके लोन न चुकाने की क्षमता डबल हो गई है.
  • Blogs | रवीश कुमार |गुरुवार फ़रवरी 1, 2018 08:38 AM IST
    आर्थिक सर्वे को सिर्फ उसी नज़र से मत पढ़िए जैसा अख़बारों की हेडलाइन ने पेश किया है. इसमें आप नागरिकों के लिए पढ़ने और समझने के लिए बहुत कुछ है. दुख होता है कि भारत जैसे देश में आंकड़ों की दयनीय हालत है. यह इसलिए है ताकि नेता को झूठ बोलने में सुविधा रहे. कहीं आंकड़ें सोलह साल के औसत से पेश किए गए हैं तो कहीं आगे-पीछे का कुछ पता ही नहीं है. आप नहीं जान पाते कि कब से कब तक का है.
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