India | Reported by: ANI, Edited by: सिद्धार्थ चौरसिया |शनिवार अप्रैल 3, 2021 09:02 AM IST उन्होंने कहा कि, "अधिनियम में एक और प्रावधान है जिसमें कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति अपने घर से किसी को निकालना चाहता है तो उन्हें इसके लिए दीवानी मुकदमा दायर करना होगा. एक सिविल मुकदमा लंबे समय तक चलता है और इसके लिए एक महंगे वकील और मुख्य स्रोत की आवश्यकता होती है." कानूनी खर्च वहन करने के लिए उस संपत्ति का मूल्यांकन बना रहता है. ऐसी स्थिति में हमने एक संशोधन प्रस्तावित किया है, जिसके माध्यम से बुजुर्ग माता-पिता की संपत्ति पर रहने वाले बच्चों और रिश्तेदारों को संपत्ति छोड़ने के लिए कहा जाएगा.”