Blogs | रवीश कुमार |मंगलवार जनवरी 11, 2022 10:55 PM IST अगर आप प्राइम टाइम के नियमित दर्शक हैं तो पिछले सात साल के दौरान आपने हमें कई बार कहते सुना होगा कि व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के ज़रिए झूठ का जाल बिछा दिया गया है ताकि हर दूसरे लड़के में दंगाई बनने की संभावना पैदा हो जाए. धर्म के नाम पर नफरत का ऐसा माहौल बन जाए कि हर सवाल करने वाला या सरकार का विरोधी उसकी आड़ में निपटा दिया जाए. कुछ सड़क पर उतर कर दंगा करें तो कुछ सोशल मीडिया पर वैसी भाषा लिखने बोलने लग जाएं जो हर नरसंहार या दंगों के पहले बोली जाती है. व्हाट्सएप के फैमिली ग्रुप में रिटायर्ड अंकिलों और NRI अंकिल नफरत की दुनिया के चौकीदार हैं. इस एक सेगमेंट के एक हिस्से ने बच्चों को बर्बाद करने और ज़हर से भरने का जो काम किया है उतना किसी ने नहीं किया है.