Blogs | प्रियदर्शन |मंगलवार जुलाई 6, 2021 09:49 PM IST कोई संवेदनशील सरकार होती तो 84 साल के फ़ादर स्टैनस्वामी की न्यायिक हिरासत में मौत पर जांच बिठाती. वह एनआइए के अधिकारियों से पूछती कि जिस शख़्स से उन्हें एक बार भी पूछताछ करने की ज़रूरत महसूस नहीं हुई, उसे उन्होंने इस कोविड काल में क़रीब आठ महीने जेल में क्यों डाले रखा. वह यह सवाल पूछती कि जब फादर स्टैनस्वामी बार-बार अपनी बीमारी का हवाला देकर ज़मानत मांग रहे थे, तब एनआइए ने उनकी ज़मानत का विरोध क्यों किया. क्यों उसने कहा कि वे कोविड के संकट को अपनी ढाल बना रहे हैं.