India | Reported by: सुकीर्ति द्विवेदी, Edited by: नवीन कुमार |रविवार दिसम्बर 13, 2020 06:47 PM IST उन्होंने कहा, "जब तक कानून वापस नहीं लिया जाता, हम नहीं छोड़ेंगे." किसान नेताओं के साथ कई दौर की बातचीत में, सरकार ने कानूनों में संशोधन करने की पेशकश की और यहां तक कि लिखित में भी दिया कि वे अपनी बात रखेंगे. लेकिन किसान अपने हितों को नुकसान पहुंचाने वाले कानूनों, विशेष रूप से वित्तीय स्थिरता और न्यूनतम समर्थन मूल्य और मंडी प्रणाली की बात करते हैं.