India | Reported by: रवीश कुमार, Edited by: विवेक रस्तोगी |मंगलवार अगस्त 20, 2019 12:18 PM IST अंग्रेज़ी समाचारपत्र 'इंडियन एक्सप्रेस' में मंगलवार को आधे पेज का एक बड़ा-सा विज्ञापन छपा है, जिसमें नौकरियां खत्म होने के बाद फैक्टरी से बाहर आते लोगों का स्केच बनाया गया है. इसके नीचे बारीक आकार में लिखा है कि देश की एक-तिहाई धागा मिलें बंद हो चुकी हैं, और जो चल रही हैं, वे भारी घाटे में हैं. उनकी स्थिति ऐसी भी नहीं है कि वे भारतीय कपास ख़रीद सकें, सो, कपास की आगामी फ़सल का कोई ख़रीदार नहीं होगा. अनुमान है, 80,000 करोड़ रुपये का कपास उगने जा रहे है, सो, इसका असर कपास के किसानों पर भी होगा."