Blogs | Rakesh Kumar Malviya |गुरुवार मई 26, 2016 07:47 PM IST जितने लोग अब से दो साल पहले सड़कों पर बेघरबार थे, अब भी वैसे ही लू के थपेड़े सह रहे हैं। दो साल का वक्त यूं तो काफी नहीं होता है, लेकिन यदि आप इसमें भी घर-रोटी और रोजगार से ज्यादा प्राथमिकता शौचालय को देंगे, तो जाहिर सी बात है कि बिना पानी के वह कैसे काम करेंगे?