Blogs | राकेश कुमार मालवीय |मंगलवार जुलाई 26, 2016 11:37 AM IST लड़की दोहरा संघर्ष करती हैं। घर भी चलाती हैं और पढ़ भी लेती हैं, प्रथम श्रेणी भी हासिल कर लेती हैं, अपने माता-पिता का घर चलाने में मदद भी करवाती हैं, छोटे-छोटे कामों से, लेकिन वंश तो लड़का ही चलाता है।