India | Written by: मानस मिश्रा |शुक्रवार जुलाई 24, 2020 10:30 AM IST जब भी राज्य सरकारों पर कोई संकट आता है तो हमेशा दल-बदल कानून की चर्चा जरूर होती है. इससे पहले जब मध्य प्रदेश सरकार पर संकट आया था तो भी इस कानून की बहुत चर्चा हुई थी. अब जब राजस्थान में राज्य सरकार पर संकट आया है तो भी यह कानून चर्चा में है. राजस्थान के विधानसभा अध्यक्ष ने सचिन पायलट और उनके साथ 18 बागी विधायको को इस कानून के तहत नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए. इस पर सचिन पायलट की ओर से अदालत में दलील दी गई है कि उनके खिलाफ इस तरह की कार्रवाई या नोटिस नहीं दिया जा सकता है क्योंकि नियम के मुताबिक पार्टी व्हिप का उल्लंघन तभी माना जा सकता है जब विधानसभा चल चल रही हो. लेकिन सवाल इस बात का है कि दल-बदल कानून आखिर कहता क्या है. क्या सचिन पायलट इस कानून के दायरे में फंसते नजर आ रहे हैं?