Blogs | कादम्बिनी शर्मा |बुधवार अगस्त 28, 2019 03:17 PM IST इससे उन्हें डीरैडिकलाज़ करने में आसानी होती है और वो कोई ना कोई काम सीख कर सरकार की दी आर्थिक मदद के ज़रिए एक सामान्य चीनी नागरिक के तौर पर जीवनयापन कर सकते हैं. सुनने में बुरा नहीं लगता, जब तक कि आप जाकर खुद इन सेंटरों में रह रहे लोगों से बात नहीं करते. बात करने के बाद अधिकारियों की बात सिर्फ दलील लगने लगती है. कम से कम मुझे यही लगा.