India | प्रभात उपाध्याय |सोमवार फ़रवरी 4, 2019 07:56 PM IST ममता बनर्जी ने सुब्रत दा के निर्देशों को जस का तस अनिमा चटर्जी के सामने रख दिया, जो खानपान की जिम्मेदारी संभाल रही थीं. चूंकि अधिवेशन में सैकड़ों लोग थे, इसलिये अनिमा की व्यस्तता अलग थी. उन्होंने ममता से कहा कि मुझे मदद के लिए दो लोगों की जरूरत पड़ेगी. इधर ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था. उन्होंने कमलापति त्रिपाठी (Kamalapati Tripathi) की मान्यताओं को चुनौती देने की ठान ली थी.