Blogs | प्रियदर्शन |बुधवार फ़रवरी 6, 2019 02:28 PM IST लेकिन भारत में पढ़ाई-लिखाई छोड़ कर, विचार-विमर्श भूल कर, वे गिरफ़्तारी से बचने की कोशिश में लगे हुए हैं. पहले उनके ख़िलाफ़ हिंसा भड़काने का मामला दर्ज किया गया, फिर उनके माओवादी लिंक खोजे गए, सीधे प्रधानमंत्री की हत्या की साज़िश से उन्हें जोड़ दिया गया, अदालत ने राहत दी तो पुलिस ने इसकी परवाह नहीं की, उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया. हाइकोर्ट की फटकार पर छोड़ा गया.