India | Reported by: भाषा |सोमवार फ़रवरी 17, 2020 09:40 AM IST राज्यपाल ने संवाददाताओं से कहा, "यह असहमति का अधिकार नहीं है, यह दूसरों पर विचार थोपने का प्रयास है. आपके पास अपने विचार अभिव्यक्त करने का अधिकार है लेकिन आपके पास सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त करने का अधिकार नहीं है." सीएए के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में जारी प्रदर्शनों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि 1986 में भी लाखों लोग थे जिन्होंने शाह बानो मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को पलटे जाने का विरोध किया था.