Cricket | भाषा |गुरुवार फ़रवरी 6, 2020 02:41 PM IST Atharva Ankolekar: यह कहानी सिर्फ अथर्व की नहीं, बल्कि भारत की अंडर 19 टीम के कई सितारों की है जो किस्मत की हर कसौटी पर खरे उतरकर यहां तक पहुंचे हैं. वैदेही ने पति की मौत के बाद मुंबई की बसों में कंडक्टरी करके बेटे अथर्व को क्रिकेट के मैदान पर भेजा जबकि कप्तान प्रियम गर्ग ( Priyam Garg)के पिता स्कूल की वैन चलाते थे. यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal)की गोलगप्पे बेचने की कहानी तो अब क्रिकेट की किवदंतियों में शुमार है.