Blogs | क्रांति संभव |शनिवार दिसम्बर 3, 2016 12:01 PM IST धकना दरअसल एक व्यसन है, इसका असल मज़ा झुंड में ही है, चुनौती सिर्फ़ ये है कि इसकी शेल्फ़ लाइफ़ बहुत छोटी होती है. सिर्फ़ टाइमलाइन जितनी लंबी. ट्रेंडिंग लिस्ट जितनी बड़ी. तो ऐसे मे ज़रूरी है कि नए-नए धिक्कार-योग्य व्यवहार, शर्मनाक बयान, ओछे भाषण और टुच्चे ट्वीट की सप्लाई होती रहे.