बिहार के कतरनी, गोविंद भोग चावल से तैयार होगा अयोध्या में राम भगवान का भोग
Faith | गुरुवार नवम्बर 28, 2019 10:32 AM IST
बिहार के कैमूर जिले के प्रसिद्ध गोविंद भोग और कतरनी चावल से अयोध्या में रामलला का भोग बनेगा. भगवान के अलावा भक्तों के लिए भोजन प्रसाद भी इसी चावल से ही बनेगा. इसके लिए 60 क्विंटल चावल अयोध्या भेजा गया है.
26 नवंबर को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड अयोध्या में 5 एकड़ जमीन लेने पर फैसला करेगा
India | रविवार नवम्बर 10, 2019 04:58 PM IST
Ayodhya News: सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड उत्तर प्रदेश सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अयोध्या में 5 एकड़ जमीन लेने के मामले पर 26 नवंबर को प्रस्तावित अपनी बैठक में फैसला करेगा. बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारूकी ने रविवार को बातचीत में कहा कि बोर्ड की सामान्य बैठक आगामी 26 नवंबर को संभावित है. उसमें ही यह निर्णय लिया जाएगा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार अयोध्या में सरकार द्वारा दी जाने वाली पांच एकड़ जमीन ली जाए या नहीं.
भारतीय मूल के अमेरिकियों ने अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का किया स्वागत
India | रविवार नवम्बर 10, 2019 10:51 AM IST
FIIDS ने एक बयान में अयोध्या राम मंदिर पर ऐतिहासिक फैसला सुनाने के लिए उच्चतम न्यायालय का शुक्रिया अदा किया. FIIDS ने कहा, ‘हम उच्चतम न्यायालय के बेहद संतुलित फैसले का स्वागत करते हैं, जिसमें उसने पूरी भूमि हिंदुओं को दे दी और मस्जिद के लिए अलग से जमीन आवंटित करने को कहा.’
Ayodhya Verdict: इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला ‘कानूनी रूप से टिकाऊ’ नहीं था: सुप्रीम कोर्ट
India | रविवार नवम्बर 10, 2019 10:51 AM IST
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में रामलला विराजमान को विवादित जमीन देने का फैसला किया था. इस फैसले के साथ ही रामलला को 2.77 एकड़ जमीन मिलेगी. यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने सुनाया था. इस बेंच में CJI रंजन गोगोई भी शामिल थे. फैसले के दौरान कोर्ट ने कहा कि हमारे सामने जो सबूत रखे गए वह बताता है कि विवादित जमीन हिंदुओं की है.
Ayodhya Verdict: सुप्रीम कोर्ट ने इन बिंदुओं के आधार पर सुनाया विवादित भूमि का फैसला
India | रविवार नवम्बर 10, 2019 09:29 AM IST
कोर्ट ने विवादित ढांचे की जमीन हिंदु पक्ष को देने का फैसला सुनाया है. साथ ही मुसलमानों को अयोध्या में ही दूसरी जगह पांच एकड़ जमीन देने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का मुख्य उद्देश्य दशकों से देश की राजनीति पर हावी रहे इस मुद्दे को खत्म करना था.
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