India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक |बुधवार अक्टूबर 16, 2019 09:31 AM IST अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में 38वें दिन की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले में जस्टिस खान और जस्टिस शर्मा की राय एक-दूसरे से अलग थी. जस्टिस खान ने कहा था कि मस्जिद बनाने के लिए किसी स्ट्रक्चर को ध्वस्त नहीं किया गया था. जबकि जस्टिस शर्मा की राय इससे अलग थी. धवन ने कहा जिलानी ने सही कहा था कि 1885 से पहले के किसी भी दस्तावेज़ को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. सन 1885 से पहले के जो दस्तावेज़ हिन्दू पक्ष के पास हैं वह सिर्फ विदेशी यात्रियों की किताब, स्कंद पुराण और दूसरी किताबें हैं.