Blogs | रवीश कुमार |बुधवार अक्टूबर 24, 2018 11:57 PM IST जब भारत की जनता गहरी नींद में सो रही थी, तब दिल्ली पुलिस के जवान अपने जूते की लेस बांध रहे थे. बेख़बर जनता को होश ही नहीं रहा कि पुलिस के जवानों के जूते सीबीआई मुख्यालय के बाहर तैनात होते हुए शोर मचा रहे हैं. लोकतंत्र को कुचलने में जूतों का बहुत योगदान है. जब संविधान की धज्जियां उड़ती हैं, तब रात को जूते बांधे जाते हैं.