India | Reported by: आशीष भार्गव |सोमवार दिसम्बर 24, 2018 02:27 PM IST वकील मनोहर लाल शर्मा की ओर से दाखिल की गई याचिका में नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग की गई है. साथ ही याचिका में कहा गया है, 'केंद्र ने यह आदेश जारी कर आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर विपक्ष, सत्ता के खिलाफ बोलने वाले व सोचने वालों को चुप कराने की कोशिश की है. ये अघोषित इमरजेंसी है और आजाद भारत में नागरिकों को गुलाम बनाने जैसा है. सरकार को किसी भी ऐसे मामले में किसी नागरिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने से रोका जाए, जिसमें उम्रकैद तक की सजा और दो लाख रुपए के जुर्माने तक का प्रावधान है.'