Blogs | प्रियदर्शन |सोमवार जुलाई 30, 2018 04:16 PM IST प्रधानमंत्री की यह बात बिल्कुल सही है कि उद्योगपति देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं, उन्हें चोर-लुटेरे समझना या कहना ठीक नहीं और उनके साथ रिश्ते रखने में कोई बुराई नहीं. हो सकता है, उनका यह आरोप भी सच हो कि जो लोग सार्वजनिक जीवन में उद्योगपतियों से दूरी बरतते हैं, वे चुपचाप उनके घरों में जाकर दंडवत होते हैं. नेताओं के पाखंड के बारे में आम राय अब इतनी स्पष्ट है कि दलों के आर-पार जाकर उनके इस कथन पर भरोसा किया जा सकता है.