Delhi | Reported by: भाषा, Edited by: नितेश श्रीवास्तव |बुधवार दिसम्बर 4, 2019 06:42 PM IST कोर्ट ने इस बात का जिक्र किया कि रिपोर्ट दर्ज होने के बाद जब पीड़िता की चिकित्सकों ने मेडिकल जांच की तब उसने यौन उत्पीड़न करने के वाले व्यक्ति के रूप में अपने नियोक्ता का नाम नहीं लिया. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश उमेद सिंह ग्रेवाल ने कहा, कोई भी महिला हाल ही में खुद से बलात्कार करने वाले नियोक्ता के पास काम के लिए नहीं जाएगी क्योंकि यह नियोक्ता को इस बारे में स्पष्ट संदेश देगा कि वह (महिला) तैयार है और उस तरह की हरकत को इच्छुक है.