Blogs | सुधीर जैन |शुक्रवार दिसम्बर 16, 2016 09:28 AM IST निर्भया कांड की चौथी बरसी पर एक बार फिर पलटकर देखने का मौका है. उस वीभत्स, भयानक और घिनौने अपराध ने देश को इतना झकझोर दिया था. कानून तो तब भी हमारे पास पर्याप्त थे लेकिन उस मामले के बाद हमने अलग से कानून बनाने की कवायद भी की थी. कुछ ऐसी संजीदगी जताई गई थी जैसे आगे से महिलाओं पर जोरजुल्म पर रोक लग जाएगी. लेकिन रोज खबरें मिलती हैं कि महिलाओं के प्रति अपराध और अत्याचार की स्थिति आज भी ठीक नहीं है.