Blogs | सूर्यकांत पाठक |गुरुवार अप्रैल 4, 2024 01:13 PM IST कमला दास यदि जीवित होतीं तो वे आज 90 साल की हो जातीं, लेकिन क्या उनकी अब भी सच्चा प्यार पाने की कामनाएं खत्म हो पातीं? उन्होंने अपनी आत्मकथा 'मेरी कहानी' (मूल रचना My Story का हिंदी अनुवाद) पूरी ईमानदारी के साथ लिखी. यह एक ऐसी किताब है जिसे पढ़ते हुए मनोविज्ञान से जुड़े, इच्छाओं के अनंत आकाश में ले जाने वाले कई सवाल उठते हैं. क्या मानव की कामनाओं...वासनाओं.. का कभी अंत होता है? कमला दास ताजिंदगी ऐसे बियाबान में भटकती रहीं जहां उन्हें कभी अपने जीवन से संतोष हासिल नहीं हो सका.