Lok Sabha Elections 2019 | Written by: मानस मिश्रा |मंगलवार अप्रैल 30, 2019 01:29 PM IST ऐसा लग रहा है कि देश में दलित वोटों को लेकर कांग्रेस और बीएसपी के बीच बड़ी जंग होने वाली है जो इस लोकसभा चुनाव से शुरू होगी और उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा तक चरम पर पहुंच जाएगी. इंदिरा गांधी के समय कभी दलित, सवर्णों में ब्राह्णण कांग्रेस का कोर वोट बैंक हुआ करते थे. लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में क्षत्रपों के बजाए अपने दम पर खड़े होने की कोशिश कर रही है यही वजह है कि लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने भले ही प्रियंका गांधी को महासचिव बनाकर पूर्वांचल की जिम्मेदारी दी है लेकिन एक कार्यकर्ता से बातचीत में उन्होंने जब पूछा कि चुनाव की तैयारी कैसे चल रही है तो कार्यकर्ता का जवाब था कि सब ठीक है, तो प्रियंका ने दोबारा कहा, 'इस चुनाव की नहीं, 2022 की.' उनका इशारा साफ था कि वह उत्तर प्रदेश में दूर की रणनीति बनाकर आई हैं. और हो सकता है कि कांग्रेस विधानसभा का चुनाव प्रियंका के ही चेहरे पर लड़े. महागठबंधन में जगह न मिलने के बाद कांग्रेस ने भी सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर दिया. बीते दो-तीन महीने में कई ऐसी बातें रही हैं जो बीएसपी सुप्रीमो मायावती और कांग्रेस के बीच सीधे टकराव की वजह बन सकती हैं.